Shodashi No Further a Mystery
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चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
The whole world, being a manifestation of Shiva's consciousness, retains the key to liberation when a person realizes this essential unity.
Step 2: Get an image of Mahavidya Shodashi and place some flowers before her. Offer incense sticks to her by lighting the exact same before her photograph.
Shodashi also means sixteen as well here as the perception is for the age of sixteen the physical overall body of a individual attains perfection. Deterioration sets in soon after sixteen many years.